कनाडा में हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न का मामला सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा को चेतावनी दी है और कहा है कि यह कनाडा के लिए अनुचित है और रिश्तों के लिए ठीक नहीं है। यह मामला विविध सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्मों पर वायरल हुआ है, जहां दिवंगत इंदिरा गांधी की एक वीडियो दिखाया गया है जिसमें उन्हें खून से सनी साड़ी में दिखाया गया है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले को “वोट बैंक की राजनीति” बताया है और कहा है कि इसके पीछे एक बड़ा मुद्दा है। वे कहते हैं, “साफ तौर पर हमें वोट बैंक की राजनीति के अलावा यह समझ नहीं आ रहा है कि कोई ऐसा क्यों करेगा। मुझे लगता है
एक बड़ा छिपा हुआ मुद्दा है जो अलगाववादियों, चरमपंथियों, और हिंसा को समर्थन देने वाले लोगों को प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि इस मामले के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले वीडियो का अध्ययन किया जा रहा है और उच्चायुक्त कैमरन मैके ने इसे खेदजनक घोषित किया है।
यह झांकी की घटना ब्रैंपटन में हुई, जहां एक सिख परेड के दौरान इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाने के लिए एक झांकी निकाली गई थी। इस झांकी में दो सिख गनमेन दिखाए गए थे जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को गोली मारते हुए दिखाए जा रहे थे। झांकी में “यह है बदला” लिखा गया था।
भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने इस घटना की निंदा करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, “मैं कनाडा में इस झांकी की खबरों से चिंतित हूं, जहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया था। कनाडा में नफरत और हिंसा
कनाडा में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाते हुए निकाली झांकी, भारतीय विदेश मंत्री ने चेतावनी दी
कनाडा में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न का आयोजन करने की घटना ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा एक चेतावनी को जन्म दिया है। इस कार्यक्रम के दौरान एक झांकी निकाली गई थी जिसमें पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाया गया था। इस घटना ने भारत में भी विवाद उठाया है और भारतीय सरकार ने कनाडा को इस प्रक्रिया के लिए चेतावनी दी है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि इस घटना में एक बड़ा मुद्दा शामिल है और यह रिश्तों के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति के अलावा एक छुपा हुआ मुद्दा बताया और इसे अलगाववादियों, चरमपंथियों, और हिंसा के पक्ष में खड़े लोगों के लिए एक मौका माना है। वे स्पष्ट कर रहे हैं कि इस तरह की गतिविधियां रिश्तों को खराब करती हैं और कनाडा के लिए भी अच्छी नहीं हैं।
गांधी की हत्या को दर्शाया गया था। इस झांकी में सिख बॉडीगार्ड्स द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री को गोली मारते दिखाया गया था। यह घटना कनाडा के ब्रैंपटन शहर में आयोजित सिख परेड के दौरान हुई थी। इसके साथ ही, झांकी में ऑपरेशन ब्लू स्टार और 1984 के सिख दंगों के बैनर भी थे।
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और भारतीय उच्चायुक्त कैमरन मैके ने इसे निंदा करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने यह दुखदता व्यक्त की कि कनाडा में इस घटना के जश्न का आयोजन किया गया था जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को मान्यता दी जा रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि नफरत और हिंसा के प्रोत्साहन के लिए कनाडा में कोई स्थान नहीं है और इस तरह की गतिविधियां निंदनीय हैं।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने भी कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी की निंदा की और भारत सरकार को इस मुद्दे को उठाने के लिए कार्रवाई
भारत सरकार को कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए झांकी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के जश्न को लेकर चेतावनी दी है। इसके पश्चात, भारत सरकार को इस मामले में कार्रवाई करने की आवश्यकता है। यह चेतावनी कनाडा के लिए भी एक महत्वपूर्ण संकेत है, क्योंकि इससे द्विपक्षीय रिश्तों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं और उनकी हत्या 1984 में हुई थी। इस हत्या को दर्शाने वाली झांकी के माध्यम से कनाडा में एक कार्यक्रम के दौरान उनकी स्मृति को अपमानित किया गया है। यह गतिविधि खालिस्तान समर्थकों द्वारा संचालित की जा रही है, जिससे तात्कालिक राजनीतिक व आंतरराष्ट्रीय मामलों में तनाव उत्पन्न हो रहा है।
एस जयशंकर ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कहा है कि इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति के अलावा अन्य दुष्प्रभावकारी ताकतें भी हो सकती हैं। इसे एक गंभीर मुद्दा मानकर वह यह बताते
हैं कि भारत और कनाडा के बीच संबंधों को इस घटना से प्रभावित होने का अंदेशा हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे को सीरियसली लेने की जरूरत है और वे अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। वे भारतीय संविधान और महात्मा गांधी के सिद्धांतों की प्रतिष्ठा को समझाते हुए कह रहे हैं कि ऐसे कार्यक्रम अवैध, अनुचित और नापाक हैं और इसकी निंदा की जानी चाहिए।
भारत और कनाडा दोनों देशों के बीच व्यापारिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों का महत्वपूर्ण संबंध है। इस प्रकार की घटनाओं से द्विपक्षीय संबंधों को ध्वस्त करने का खतरा होता है। इसलिए, जशंकर ने कनाडा सरकार से इस मामले की सख्ती से जांच करने की मांग की है।
विदेश मंत्री ने यह भी जताया है कि भारत और कनाडा एक दूसरे के महत्वपूर्ण साथी हैं और उन्हें आपसी समझदारी के माध्यम से इस प्रकार की घटनाओं का सामना करना चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्री की चेतावनी: कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाना संबंधित राजनीतिक मामलों पर गंभीर प्रभाव
भारतीय विदेश मंत्री के द्वारा कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाने पर चेतावनी देने से संबंधित राजनीतिक मामलों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इस मामले में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है:
- द्विपक्षीय संबंधों की प्रभावितता: कनाडा और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंध एक महत्वपूर्ण तारीखी और राजनीतिक मामला हैं। यह चेतावनी द्वारा, भारतीय सरकार ने अपनी त्रुटि और निष्पक्षता को दर्शाने का संकेत दिया है। ऐसे मामलों में, द्विपक्षीय संबंधों को दृढ़ता से संभालने की आवश्यकता होती है ताकि इससे संबंधित राजनीतिक मामलों पर गलत प्रभाव न पड़े।
- राष्ट्रीय एकता और संरक्षण: भारत में इंदिरा गांधी की हत्या एक गंभीर और दुखद घटना थी, जिसने राष्ट्रीय एकता और संरक्षण की चिंता को उभारा। भारतीय विदेश मंत्री द्वारा चेतावनी देने से, उन्होंने इस मामले की महत्वपूर्णता और भारत
के राष्ट्रीय भावनात्मक संकेतों को संरक्षित रखने का संकेत दिया है। इससे संबंधित राजनीतिक मामलों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि यह एक संवेदनशील और भारतीय वोटर्स के लिए महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस चेतावनी के माध्यम से, भारतीय सरकार ने कनाडा से इस मामले में संवेदनशीलता, संबंधों की सटीकता और भारतीय नागरिकों के उद्देश्यों के प्रति सम्मान की मांग की है।
- बाहरी संबंधों का प्रभाव: कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाना उन भारतीय समुदायों को प्रभावित कर सकता है जो कनाडा में बसे हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय विदेश मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और चेतावनी दी है कि इसके द्वारा कनाडा में बसे हुए भारतीयों के भावनात्मक और सामाजिक संतुलन को खतरा हो सकता है।
इस प्रकार, भारतीय विदेश मंत्री द्वारा चेतावनी देने से संबंधित राजनीतिक मामलों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है