विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत एक प्रमुख हिंदू धार्मिक त्योहार है जो भगवान गणेश को समर्पित होता है। यह व्रत विशेष उपाय और पूजा विधि के साथ किया जाता है जो भक्तों को धन, संतान, स्वास्थ्य, और सफलता की प्राप्ति में मदद करते हैं। विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023, जो 4 अगस्त को है, एक विशेष दिन है क्योंकि यह व्रत हर 3 साल बाद आता है, जिसके कारण इसका महत्व तीन गुना माना जाता है। इस दिन शाम को गणपति जी की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है।
इस साल विभुवन संकष्टी चतुर्थी 4 अगस्त 2023 को है। इस विशेष दिन कुछ दुर्लभ उपाय करने से आप भगवान गणेश को बेहद प्रसन्न कर सकते हैं और अपनी इच्छाओं की प्राप्ति के लिए उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
- राहु-केतु की शांति: राहु और केतु ग्रह व्यक्ति को गलत कार्य करने पर मजबूर करते हैं और उनके दुष्प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
“गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।। धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:। गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।”
- मांगलिक कार्य में आ रही बाधा: अगर आप विवाह योग्य हैं, लेकिन विवाह में बार-बार अड़चने पैदा हो रही हैं और बनते-बनते बात बिगड़ जाती है, तो विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को गुड़ की 21 गोलियां और दूर्वा अर्पित करें। मान्यता है कि इससे विवाह की बाधाएं दूर होती हैं।
- आर्थिक तंगी: यदि आपको कर्ज से चुकाने में परेशानी आ रही है और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा में निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें:
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 व्रत तारीख और मुहूर्त
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 व्रत दिनांक है 4 अगस्त 2023 को। यह व्रत अधिकमास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है और अधिकमास के कारण इसका महत्व तीन गुना बढ़ जाता है। विभुवन संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर 3 साल में आता है, इसलिए इस विशेष व्रत का पालन करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों के मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 के मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- व्रत की शुरुआत: 4 अगस्त 2023, दोपहर 12:45 बजे
- व्रत का समापन: 5 अगस्त 2023, सुबह 9:39 बजे
व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- सुबह का मुहूर्त: सुबह 7:25 से सुबह 9:05 बजे तक
- शाम का मुहूर्त: शाम 5:29 से रात 7:10 बजे तक
- चंद्रोदय समय: रात 9:20 बजे (4 अगस्त 2023)
विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत का पालन करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता का सामर्थ्य मिलता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा, अर्चना, मंत्र जाप, और व्रती भक्तों द्वारा उपवास का पालन किया जाता है। व्रत के उपायों के द्वारा भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन की समस्त परेशानियों का निवारण होता है और धन, संतान, स्वास्थ्य, और बाह्य सफलता की प्राप्ति होती है।
यह व्रत भक्तों के लिए एक धार्मिक और सामाजिक महत्वपूर्ण अवसर है, जो शुभ समय पर पूर्ण विधि-विधान से किया जाना चाहिए। व्रत के दौरान भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उन्हें व्रत की सफलता के लिए व्रतांतर्गत उपाय करते हैं।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 उपाय – राहु-केतु की शांति, मांगलिक कार्य में आ रही बाधा और आर्थिक तंगी के लिए उपाय
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 उपाय – राहु-केतु की शांति, मांगलिक कार्य में आ रही बाधा और आर्थिक तंगी के लिए उपाय
- राहु-केतु की शांति: राहु और केतु ग्रह का दुष्प्रभाव किसी की जीवन में बिगड़ और असुख का कारण बन सकता है। विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन, इन दोनों ग्रहों की शांति के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
“गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।। धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:। गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।”
- मांगलिक कार्य में आ रही बाधा: विवाह योग्य होने के बावजूद भी अगर विवाह में बाधाएं आ रही हैं, तो विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को गुड़ की 21 गोलियां और दूर्वा अर्पित करें। इससे विवाह की बाधाएं दूर हो सकती हैं।
- आर्थिक तंगी: अगर आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा में निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें:
“लक्षाधीश प्रियाय नमः”
यह मंत्र आर्थिक समस्याओं के निवारण में मदद कर सकता है और आपके जीवन में संपत्ति और समृद्धि के योग बना सकता है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी के दिन ये उपाय विधि-विधान से करें और भगवान गणेश के आशीर्वाद से सभी समस्याओं का निवारण हो सकता है। इस व्रत के माध्यम से आप धन, संतान, स्वास्थ्य, और सफलता की प्राप्ति के लिए भगवान गणेश से कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 व्रत पूजा विधि और महत्व
विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत एक प्रमुख हिंदू धार्मिक त्योहार है जिसमें भगवान गणेश की पूजा और अर्चना किए जाते हैं। इस व्रत का महत्व इसलिए तीन गुना बढ़ जाता है क्योंकि यह व्रत हर 3 साल में आता है, जिससे भगवान गणेश के आशीर्वाद का प्राप्ति भक्तों को अधिक होती है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 के व्रत की पूजा विधि निम्नलिखित है:
- स्नान और शुद्धीकरण: व्रत के दिन उठकर स्नान करें और शुद्ध होकर व्रत की तैयारी करें।
- देवी-देवताओं का पूजन: प्रातःकाल में देवी-देवताओं का पूजन करें और उन्हें अपने घर बुलाएं।
- भगवान गणेश की पूजा: व्रत के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें और उन्हें दूर्वा, कुँवरे के फूल, अखंड दीप, पुष्प, फल, मिष्ठान्न आदि से अर्चना करें।
- मंत्र जाप: “ॐ गं गणपतये नमः” और अन्य गणेश मंत्रों का जाप करें, मंत्रों के जाप के बाद प्रसाद चढ़ाएं।
- व्रती भोजन: व्रत के दिन उपवास करें और भगवान गणेश के पूजन के बाद सात्विक भोजन का सेवन करें।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी का महत्व:
- विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत भगवान गणेश के प्रसन्नता का संकेत करता है और भक्तों को सुख, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति के लिए उनसे आशीर्वाद मिलता है।
- इस व्रत के द्वारा भक्त अपने अभीष्ट को पूरा करने के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।